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कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 142जयंती पर सम्मानित किये गए अंतरराष्ट्रीय कवि साहित्यकार डॉ कन्हैया लाल गुप्त किशन उनका

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 142जयंती पर सम्मानित किये गए अंतरराष्ट्रीय कवि साहित्यकार डॉ कन्हैया लाल गुप्त किशन

उनका साझा संग्रह " धूल धूसरित फूल " का विमोचन भी किया गया

भाटपार रानी, संवादसूत्र। विश्व भोजपुरी परिषद नई दिल्ली एवं सिवान हिंदी साहित्य सम्मेलन जिला इकाई के संयुक्तत्वाधान में हिंदी धरातल पर कथा सम्राट-उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद 'धनपत राय' की १४२वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सह कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह दिनांक 31 जुलाई 2022 को जिला परिषद सभागार, सिवान ( बिहार )में कविता पाठ एवं अपनी रचना धर्मिता से हिंदी साहित्य को समृद्ध करने वाले साहित्यकार, अंतरराष्ट्रीय कवि डॉ कन्हैया लाल गुप्त किशन को प्रतीक चिन्ह, सम्मान पत्र एवं अंग वस्त्र द्वारा डॉ राजेन्द्र प्रसाद स्मृति सम्मान और मुंशी प्रेमचन्द स्मृति सम्मान-२०२२ से सम्मानित किया गया। अपने काव्य पाठ उनको भी याद करो, जो लौट के घर को न आए पर खूब वाहवाही बटोरी। यह बात एक निजी साक्षात्कार में डॉ कन्हैया लाल गुप्त किशन ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया है। डॉ कन्हैया लाल गुप्त किशन के कविता संग्रह काव्य निर्झर, मेरी श्रेष्ठ रचनाएं,इस सदी के ग्यारह श्रेष्ठ कवि आदि रचनाएं रवीना प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित हुई है। बहुत सारे पुरस्कारों और सम्मानों से ये सम्मानित किये जा चुके हैं। जिनमें विश्व हिंदी रचनाकार मंच द्वारा नीरज शब्द शिल्पी सम्मान २०२१,हिंददेश पत्रिका अमेरिका ईकाई द्वारा श्रेष्ठ लेखन पुरस्कार,शब्दश्री सम्मान, युवा गौरव सम्मान,श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान, अभिनंदन पत्र, कलम बोलती है साहित्यिक समूह, सूरत, गुजरात द्वारा साहित्य सितारे सम्मान, पुरुष रत्न सम्मान, उत्तम रचनाकार सम्मान, सक्रिय लेखन सम्मान,कलमवीर सम्मान, हिंदी साहित्य मित्र सम्मान, साहित्य दीप सम्मान, साहित्य रत्न सम्मान, सारथी सम्मान, साहित्य संगम संस्थान,नई दिल्ली द्वारा किशन उपनाम, गुरु बृहस्पति सम्मान, युनाइटेड अर्गनाइजेशन चेक गणराज्य एवं मातृ उन्नयन संस्थान द्वारा मानव अधिकार प्रमाण पत्र आदि प्राप्त है। अन्तर्राष्ट्रीय कवि एवं साहित्यकार किशन की जन्मभूमि भाटपार रानी, देवरिया, उत्तर प्रदेश है और वर्तमान में बिहार के शिक्षा विभाग में हिंदी के अध्यापक है।इनकी इस उपलब्धि पर शिक्षकों, साहित्यकारों और शुभेच्छुओं ने बधाइयां और शुभकामनाएं दी है।

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